बुधवार, 20 सितंबर 2023
तर्ज - जिन्दगी की ना टुटे लडी
जीवन में हो ऐसी घड़ी
मन में बस जाये मुरत तेरी 2
ये जीवन है दर्शन का प्यासा
प्यास बुझती हैं कब तक मेरी २
ये मानव का जीवन हैं क्या
जिन में भक्ति की शक्ती नहीं 2
वहाँ जीवन ही जीवन नहीं
जिसमे तेरी कहानी नहीं ओ कहानी नही
मिलन की घड़ी है बड़ी मन में बस जाये मुरत तेरी
जीवन… ॥१॥
वीरा तेरे बिना लागे ना रे मनवा
ओ वीरा तेरे बिना लागे ना रे मनवा लागे ना
आज से तुझ से वादा रहा
जीवन ज्योती जगायेंगे हम 2
जीवन नैय्या तिरायेगे हम रिश्ते नाते सारे तोड़कर
मोह माया की २ यूं हैं पड़ी
मन में बस जाये भुरत तेरी ओ ओ ऽऽऽऽ
जीवन… ॥2॥
लाख प्यारा हो जीवन तो क्या
तेरी भक्ती से प्यारा नहीं 2
मन की वीणा की हर तान पर
गुण गुणाने की सीमा नहीं
इस बालक को २ सुन लो सभी
मन में बस जाये मुरत तेरी
जीवन… ॥३॥