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तारू धार्यु बधु थाय छे

तारू धार्यु बधु थाय छे
मने आजे ए समझाय छे
ना हुं कोई नो गर्व लउं
तारा विश्वासे जीवाय छे

राजा आपो हवे दादा अमरी वाट थाई पूरी

રજા આપો હવે દાદા અમારી વાત થઇ પૂરી
અમારી વાત થઇ પૂરી....
અધુરી વાત છે તોયે આ મુલાકાત થઇ પૂરી...
અમારી વાત થઇ પૂરી...

ओ मारा रूपाळा भगवान, तमारुं रूप भूलावे भान.

ओ मारा रूपाळा भगवान, तमारुं रूप भूलावे भान.
तमारो उजळो उजळो वान, तमारुं रूप भूलावे भान.
तारी अणियारी पांपणमां मने मोरपींछ देखातुं;
तारा भाल-तिलकमां जाणे के मेघधनुष विखरातुं.

रोमे रोमे हु आरो थातो जाऊ छू

"Rome Rome Hu Taro Thato Jau Chu",
Tara Prem Ma Prabhuji Hu Bhinjaau Chu
Have Parvade Nai Rehvanu Tarathi Dur,
Tare Rehvanu Radayma Hajrahajur

ऊँचा ऊँचा शत्रुन्जयना शिखरों सोहय

 

जैन स्तवन - दादा आदेश्वर दूर थी आव्यो दादा दर्शन दो

 

श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा

पार्श्वनाथ भगवान की, मूरत चित बसाए ॥
भैरव चालीसा लिखू, गाता मन हरसाए ॥
नाकोडा भैरव सुखकारी, गुण गाये ये दुनिया सारी ॥
भैरव की महिमा अति भारी, भैरव नाम जपे नर  नारी ॥

नाकोड़ा भैरूजी की चमत्कारी स्तुति
नाकोड़ा भैरूजी की चमत्कारी स्तुति

श्री संखेश्वर के दर्शन कर पुजू गोडीजी पाय |
श्री नाकोडा से नवनिधि मिले दर्शन से दुःख जाये  ||1||
श्री नाकोडा भैरव सुखदायक सुमरू तारु नाम |
जीवन सुखी कर्जो आप सिद्धि समृधि ना नाम   ||2||

हे प्रभु हे प्रभु खुप चाहु
हे प्रभु हे प्रभु खुप चाहु

हे प्रभु हे प्रभु, खुब चाहुं तने...(2)
आप दुरे रहो, ऐ न फावे मने...(2)
आंख श्यामल प्रभु, ने गुलाबी गाल छे...(2)
आभमां वादळा, एटलुं व्हाल छे

श्री पार्शवनाथ चालीसा
श्री पार्शवनाथ चालीसा

शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन करूँ प्रणाम। उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम....