तारू धार्यु बधु थाय छे
मने आजे ए समझाय छे
ना हुं कोई नो गर्व लउं
तारा विश्वासे जीवाय छे
 
हुं शाने कहुं के आ मुजथी थयु,
तारी करूणा छे अनहद ने फल में लह्यु
मारा मनमां प्रभु कोई शुभ भावना
ते जगावी छे त्यारे आ सघलु थयु
तारा नामे बधु थाय छे
लोको मारा गुणो गाय छे .....
ना हुं कोई नो गर्व लउं
तारा विश्वासे जीवाय छे
 
हु सफल थाउ तो तारी कृपा
तारा आशीष प्रगट छे छताये छुपा
हु छकी ना जाऊ ए खबर राखजे
कोई पण रिते संभाली ले सतरूपा
तारी करुणा तो छलकाय छे
आँख मारी भीनी थाय छे
ना हुं कोई नो गर्व लउं
तारा विश्वासे जीवाय छे
 
मारू हैयू प्रभु करे चिंता घणी
तमे समजावो एने हो चिंतामणि
वितेलो समय जेवो गयो
हवे राखो उदय ने तमारो गणी
मारू अणगमतु कई थाय छे
एमा मारु भलु थाय छे
ना हुं कोई नो गर्व लउं
तारा विश्वासे जीवाय छे