र जनम में दादा तेरा साथ चाहिए
सर पे मेरे नाथ, तरा हाथ चाहिए २
सिलसिला ये टूटना नहीं चाहिए
मुझको तो बस इतनी सी सौगात चाहिए।
र जनम में दादा तेरा साथ चाहिए
सर पे मेरे नाथ, तरा हाथ चाहिए २
सिलसिला ये टूटना नहीं चाहिए
मुझको तो बस इतनी सी सौगात चाहिए।
दादा तुमसे मिलने का, सत्संग ही बहाना है-२
दुनियाँ वाले क्या जाने, मेरा रिश्ता पुराना हैं २
रोज तेरी तस्वीर सिरहाने रखकर सोते हैं।
यही सोचकर अपने दोनों नैन भिगोते हैं।
गुरूराज तुम्हारे चरणों में, जीवन को थोड़ा प्यार मिले।
मैं भूल सकूं दुनिया सारी, तेरा प्यार मुझे किरतार मिले।
मिल के गाना, दिल से गाना, गुरुवर के गुण गाना।
भक्ति धुन में, झूम-झूम के, भजनों में खो जाना।।
जनम जनम का दास हूँ... गुरुदेव तुम्हारा-२
जीवन नैया डोल रही है... दे दो इसे सहारा।।
शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन करूँ प्रणाम। उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम....