वीर भजले रे भाया वीर भजले  
जरा सी ओहो। .. थोड़ी सी केहणो  म्हारो मान 
भाया वीर 

मुट्टी बांध्यो आयो रे भाईडा , हाथ पसारयो जासी 
दया धरम री  करले कमाई, आइज आडी आसी ॥ 
भाया वीर भेजलो 

मोह माया मैं झूम रयो तू, कर रयो थारी म्हारी 
ज्ञान धरम री नांता केवे तो, थने लागे खारी | 
भाया वीर भजले 

जवानी री अकडाई में, टेड़ो टेंड़ो चाले 
पर इतनी थने मालूम नहीं, कांई होसी काले ॥ 
भाया वीर भजले. ** 

मोटी मोटी बनी हवेली अठे पड़ी रै  जासी। 
दो गज कफन रो  टुकड़ो, कोरो थांरे साथ में जासी ॥ 
भाया वीर भजले।

- Stavan Manjari