मंगलवार, 10 अक्तूबर 2023
मैली चादर ओढ़ के कैसे, द्वार तुम्हारे आऊ
हे पावन परमेश्वर मेरे मन ही मन शरमाऊ
तु ने मुझको जग में भेजा, निर्मल देकर काया
आकर के संसार में मैंने इसको दाग लगाया
जनम जनम की गॅली चादर 2 कैसे दाग छुडाऊ
मैली चादर ||1||
निर्मल वाणी पाकर मैने, नाम न तेरा गाया
नैन मुंदकर हे परमेश्वर, कभी न तुझको ध्याया
मन वीणा के तारे टूटे, अब क्या गीत सुनाऊ
मैली चादर ||2||
इन पैरों से चलकर तेरे, मंदिर कभी न आया
जहाँ जहाँ हो पुजा तेरी, कभी न शीश झुकाया
हे हरीहर! में हार के आया 2 अब क्या हार चढाऊ
मैली चादर ||3||