(तर्ज : तेरा साथ है कितना प्यारा...)
कुशल नाम है कितना प्यारा, जन-जन की आँखों का तारा।
शासन का उजियारा, मैं लेता रहूंगा, ये नाम तुम्हारा।
मैं लेता रहूंगा, ये नाम तुम्हारा ||
।। अन्तरा।।
जैन धर्म की शान वो, ज्योति पूंज महान-२
कुशल सूरीश्वर नाम तो, तारण तरण जहान-२
कितनी पावन, मूरत भावन, चरणों में जग सारा ।।
मैं लेता रहूंगा ||१||
ने सत्य अहिंसा ज्ञान का, गुरु ने किया प्रचार-२
युग-दृष्टा गुरुदेव ने, सब का किया उद्धार -२
हे भट्टारक, संघ उद्धारक-२, अमर है नाम तुम्हारा।।
मैं लेता रहूंगा ||२||
कोटि-कोटि वंदन करूं, इन चरणों में आज-२
श्रद्धा भक्ति के सुमन, अर्पण है गुरुराज-२
मैं परवाना, दरश दिवाना-२, पाऊँ दर्श तुम्हारा।।
मैं लेता रहूंगा ||३||