गुरुवार, 12 अक्तूबर 2023
(तर्ज : रात गुरु सपनें में आये)
रात गुरु सपने में आये
अखियाँ खुल गयी खुल गयी अखियाँ अरे रे रे रे .......
जिभर पहले दरस किया मैंने
चरणों का अमृत रस पिया मैंने
किस्मत खुल गयी, खुल गयी किस्मत अरे रे रे रे .......
देख लगन मेरी कुशल गुरुवर
दिया आशिष मुझे खुश होकर
खुशिया मिल गयी, मिल गई खुशियां अरे रे रे रे .......
प्रेम भक्ति वरदान वो देकर
ओझल हुए गुरु कुशल सुरिश्वर
दुनिया मिल गयी, मिल गयी दुनिया अरे रे रे रे .......
कुशल मंडल अब प्रेम से गाये
झुम झुम कर गुरु को मनाये
गुरुवर मिल गये, मिल गये गुरुवर अरे रे रे रे .......