गुरुवार, 5 अक्तूबर 2023
(तर्ज - में तो भूल चली)
मिल गाये सभी नर नार
प्रभू को प्रतिष्ठा करो
अवसर यह मिले ना बार बार
प्रभु की प्रतिष्ठा......
अपने नगर में अवसर हैं आया 2
चारो तरफ हैं आनंद ये छाया 2
हो करो वंदन प्रभु को हजार
प्रभु की प्रतिष्ठा..... ll1ll
पुण्य उदय हैं प्रगटे ये हमारे 2
स्वामी हमारे आज आंगन पधारें 2
हो बंद करना ना भीतर के द्वार
प्रभू की प्रतिष्ठा…. ll2ll
अंतर का आंगन है आज सजा लो 2
मन में प्रभू की तुम मुरत बिठा लो 2
हो फिर क्या कर सके ये संसार ...
प्रभु की प्रतिष्ठा ll3ll
अवसर सुहाना हैं फिर ना मिलेगा 2
मन का कमल जाने कब यह खिलेगा 2
हो खोलो आंज तिजोरी द्वार
प्रभु की प्रतिष्ठा ll4ll
देखो प्रभू का हैं प्रभु का है सुन्दर ये मुखडा 2
धरती पे उतरा है चांद सा तुकहा 2
हो जले स्नेह के दिप हजार
प्रभू को प्रतिष्ठा ll5ll