(तर्ज : परदेशी परदेशी...)
गुरुवरजी गुरुवरजी आना जरूर-२
दर्शन देने आना जरूर- २
गुरुवरजी मेरे आना, दर्श दिखाना,
हमें याद रखना, कहीं भूल न जाना, २
गुरुवरजी गुरुवरजी.....
|| अन्तरा।।
हमने तुझको पूजा तेरा ध्यान किया,
तेरी हीँ भक्ति से बेड़ा पार किया,
जो भी आया, दर परतूने तार दिया,
अपने भक्तों का हर पल उद्धार किया,
गुरुवरजी मेरे... ।।१।।
दादा के चरणों में शीश झुकाते है,
दूर-दूर से दर्शन करने आते है,
जो भी मन की इच्छा हो, पा जाते हैं,
दादा के दर से खाली नहीं जाते हैं,
गुरुवरजी मेरे... ॥२॥
युवा मंडल द्वारे तेरे आता है,
भक्ति भाव से गीत तेरे गाता है,
मुखड़ा तेरा देख के हर्ष है,
तैरी पूजा को यह मन ललचाता है,
गुरुवरजी मेरे... ॥३॥