बुधवार, 11 अक्तूबर 2023
(तर्ज : नन्हा सा फूल हूं मैं)
नन्हा सा फूल हूँ मैं
चरणों की धूल हूँ मैं
आया हूँ मैं तो तेरे द्वार,
प्रभुजी मेरी पूजा करो स्वीकार ...
मैं तो निर्गुनिया, मुझको कुछ ज्ञान दो
जीवन को जीना सीखूँ ऐसा वरदान दो।
थोड़ा सा गुण मिल जावे, निर्धन को धन मिल जावे
इतना सा दे दो उपहार |
प्रभुजी मेरी पूजा करो स्वीकार ...
सुनलो हमारी अर्जी, इतनी सी बात है,
मेरे जीवन की डोरी, अब तेरे हाथ है,
सूरज सी शान पाऊँ, चंदासा मान पाऊँ,
मानूं तुम्हारा उपकार ।
प्रभुजी मेरी पूजा करो स्वीकार …