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मंगलाचरण

वंदन हो, वंदन हो,
मंगलमय महावीर! वंदन हो…
त्रिशला नंदन, भवभय भंजन, पाप निकंदन हो। वंदन हो। 

वंदन हो जग बंधन तोड्यां, भवोभव केरा फंदन फोड्यां
मेरु सम मन धीर वंदन हो||

विश्वमही संहारनी आजे, मृत्युनी रणभेरीओ गाजे
त्यारे हे महावीर, दर्शन दो। वंदन हो॥

भडभडता आ दावानलपर, छांटो अमृत नीर वंदन हो॥
है वीर अमने वीरता देजो, कुसंपने कायरता हरजो
संयम - शील - सुधीर। वंदन हो॥

- Stavan Manjari

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