देखे है मैंने लाख बिछौने नरमी के

एक से एक बढ़कर,

सुलभ न हुआ कोई बिस्तर मेरी माँ

की गोद से बढ़कर,

क्या खुराक हो सकती है बेहतर

मेरी माँ के दूध से बढ़कर,

अमान है ये जीवन, यह तन यह बदन,

असहय वेदना सहकर, दिया हमे

खूबसूरती का जीवन,

सच में माँ महान होती है

जहाँ भी हो

बच्चों में उसकी जान होती है

लाख लाख प्रणाम

माँ तुझको

तु है सब देवो से बढ़कर।

- Stavan Manjari