शुक्रवार, 29 दिसंबर 2023
गुरुदेव को खत
गुरुदेव मैं तुमको खत लिखता, पर तेरा पता मालूम नहीं।
दुख भी लिखता सुख भी लिखता, पर तेरा पता मालूम नहीं
चरणों में चढ़ाने लाता प्रभु, श्रद्धा की कलियां चुन-चुन के,
कर लेता वंदन लाखों प्रभु, चरणों में तेरे झुक-2 के
बिगड़ी मैं अपनी बात बना लेता, पर तेरा पता मालूम नहीं
दुख भी लिखता....
जीवन यह सफल बना लेता, तेरे पावन चरणों में आ करके
नैनों की प्यास बुझा लेता, तेरे पावन दर्शन पा करके
भव जल से मैं तिर जाता प्रभु, पर तेरा पता मालूम नहीं
दुख भी लिखता ..
विपदा और दुविधा में अपनी, तुझको ही सुनाता रे
मैं शान्ति सुधा रस पी लेता, तेरे चरण कमल धो-धो के
गुरु भक्त मंडल भी आता प्रभु, पर तेरा पता मालूम नहीं
दुख भी लिखता …