गुरुवार, 5 अक्तूबर 2023
जुग जुग तोसे नाता
तर्ज - साबन का महिना
आनंद दाता जीनवर, निहारो मोरी ओर
जूग जूग तोसे माता, ज्यो चन्दा और चकोर
मूरती सुहानी तोरी अमरती आंखें
किरती तिहारी उड़े, जदपि न पाखे
निरखत हरखे नैना, नैननवा की ओर जुग जुग ॥१॥
कासे कहूँ में मोरी रामकहानी
धरन बिना है गोरी अखीयां में पानी
कारी रतिया छाई, कब होगी कह दो भोर जुग जुग ॥२॥
तोरे बिरह में लगे कलेजा में ठेसवा
भेजू नयनचल से लिख के संदेसवा
जन्म जनम को बांधी, प्रिती की सांची ड़ोर जुग जुग ॥३॥
बांध ले गुणों से अपने, पियारे जिनंदवा
डुबती है नैय्या भव में तज के लंगरवा
ज्ञान विचक्षण ना हो, तो जाऊ कित ओर जुग जुग ॥४॥
तोरे भरोसे से ये दुनियाँ भुलाई
तु जो बिसारे तोहे रामदुहाई
लोजो मोरी खबरीया रे प्यारे चितचोर जुग जुग ॥५॥