गुरुवार, 15 सितंबर 2022
माता त्रिशला जुलावे पुत्र परणे
गावे हेलो हेलो हलरदा ना गीत
सोना रूपा ने वली रत्ने जादू परनु
रेशम डोरी घुंघरी वागे चम छम रीत
हेलो हेलो हेलो हेलो मारा नंद ने
जीना जी पार्श्व प्रभु थी वरस आदिसो अंतरे
हो श्री चोविस्मो तीर्थंकर जिन परिमाण
केशी स्वामी मुख थी एवी वाणी समाधि
सच्ची सच्ची हुई ते मारी अमृतवाणी
हेलो हेलो हेलो हेलो मारा नंद ने
चौडे सपने हो चक्री के जीना राज
वत्य बरे चक्री नहीं है चक्री राज
जीना जी पार्श्व प्रभु न श्री केशी गांधार
तेहने वाचानो जान्या चोविस्मा जिन राज
हेलो हेलो हेलो हेलो मारा नंद ने
मारी कुंखे आव्या त्रण भुवन सिरताजी
मारी कुँखे आव्या तरनतारन जहाँजी
मारी कुँखे आव्य संघ तीर्थ नी लाजी
हू तो पुण्य पनोती इंद्राणी थाई आजू
हेलो हेलो हेलो हेलो मारा नंद ने
मुझे दोहला उपन्या बेसु गज अंबादिये
सिंहासन पर बेसु चमार छात्र धरय
एय साहू लक्षण मुझे नंदन तारा तेज ना
ते दिन संभारु ने आनंद अंग ना माई।
हेलो हेलो हेलो हेलो मारा नंद ने......