बनवा अणगार करवा भवपार...
बनवा अणगार करवा भवपार..
तोड्यो जेणे संसारनो बंधन
वैरागी ने वंदन, वैरागी ने वंदन...(2)
वैरागी ने वंदन, वैरागी ने वंदन...(2)
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ओ मेरे गुरु अफ़सोस नहीं, जो तेरे लिए १०० दर्द सहे
मेह्फूस रहे तेरी जान सदा, चाहे जान मेरी यह रहे न रहे
ओ मेरे गुरु सबकुछ मेरे, मेरी नस नस में नवकार बहे
फीका न पड़े यह धर्म मेरा, जिस्मो से निकल के खून कहे
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा ।
कभी गिरते हुए को उठाया नहीं बाद आंसू बहाने से क्या फायदा ।।
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
मैं तो मंदिर गया पूजा आरती की पूजा करते हुए ये ख्याल आ गया ।
सामु जुओ ने मारे सामु जुओने, एक वार नेम मारी सामु जुओने
करुणा दृष्टि थी मारे सामु जुओने, अमिदृष्टि थी मारी सामु जुओने
सामु जुओ ने मारे सामु जुओ ने, एक वार नेम मारी सामु जुओने ||1||
निगोद ना दिवसों मने यादज आवता, हु अने तू रह्या एकज धाम मा
नेम प्रभु ना पावन पगले थयो धन्य पेलो गीरनार
जय गीरनार, जय गीरनार, जय जय गरवो गीरनार
जय जय गरवो गीरनार, जय जय गरवो गीरनार
नेमनाथ गीरी शणगार, जय जय गरवो गीरनार
मेरे दोनो हाथो में, ऐसी लकीर है,
दादा से मिलन होगा, मेरी तकदीर है,
लिखा है ऐसा लेख दादा, लिखा है ऐसा लेख,
लिखा है ऐसा लेख दादा, लिखा है ऐसा लेख।।
हे उपकारी! कृपा वरसावो..सिद्धशीलाए मने तेडावो
राह जोउं…राह जोउं, प्रभु आवशे ने लइ जाशे... (२)
प्रभु आवशे ने लइ जाशे…प्रभु आवशे ने लइ जाशे
जन्मोनी प्रीति मारी आंखो बोले, आंसुओना सागर छलके