के आज संयम नु पानेतर पेहरी ने जो (२ बार)
राजुल ने नेम मली जाशे तू जो
राजुल ने नेम मली जाशे
के आज संयम नु पानेतर पेहरी ने जो (२ बार)
राजुल ने नेम मली जाशे तू जो
राजुल ने नेम मली जाशे
मुमुक्षु बनवुं मारे, प्रभु पंथे चालवा
हो जी रे.. मुमुक्षु बनवुं मारे, प्रभु पंथे चालवा