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विनय पाठ (इह विधि थाडो)

मंगल मूर्ति परम पद, पंच धरौं नित ध्यान |
हरो अमंगल विश्व का, मंगलमय भगवान |१|
मंगल जिनवर पद नमौं, मंगल अरिहन्त देव |
मंगलकारी सिद्ध पद, सो वन्दौं स्वयमेव |२|

बनु मैं जैन दुबारा
मेरे लिए इतनी सी तुम 
दिल से दुआ करना 
जाऊ जब में दुनिया से  
प्रभु से ये कहना