सामु जुओ ने मारे सामु जुओने , एक वार नेम मारी सामु जुओने
करुणा दृष्टि थी मारे सामु जुओने, अमिदृष्टि थी मारी सामु जुओने
सामु जुओ ने मारे सामु जुओ ने ,एक वार नेम मारी सामु जुओने ||1||
निगोद ना दिवसों मने यादज आवता, हु अने तू रह्या एकज धाम मा अनादि काळ थी दुःखो ने खमता, आ चौरासी लाख योनि मा भमता
भवो भव सुधी साथे रह्या , आजे मने केम छोड़ी गया
तारा विना दादा मने कौन पूछे ना , मारी आँखियो ना आंसू कौन लुछे ना
सामु जुओ ने मारे सामु जुओ ने , एक वार नेम मारी सामु जुओने ||2||
संसार असार छे मोक्षज सार छे , तारी वातो मैं तो सुनी नलवार छे,मोह माया ना झूले हु झुलियो , राची माची ने कर्मो मैं बांध्या,
हस्ता हस्ता कर्मो मैं बांध्या , आत्मा मा कर्मो ना ढगला भर्या
रोता रोता आज मारा कर्मो छुटे ना, दुःखो ना डूंगर मारा आज टूटे ना
सामु जुओ ने मारे सामु जुओ ने , एक वार नेम मारी सामु जुओने ||3||
छेल्ली विनंती मारी दादा तू सुणजे , अंत समये मुज़ने तू मलजे ,पीड़ा ज्यारे रग रग माथी व्यापे , तारा दर्शन नी ठंडक तू आपजे,
झंजाल जगनी छोड़ी गई , मने तारा ध्यान मा स्थिर करी,
समाधि मरण मले एवुं हु मांगु , भव भवना फेरा टले एवुं हु मांगु
सामु जुओ ने मारे सामु जुओ ने , एक वार नेम मारी सामु जुओने ||4||