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परमात्मा बनी जशे मारो आत्मा। गृह जिनालय

परमात्मारथी रंगाशे मारो आत्मा,
परमात्मा बनी जाशे मारो आत्मा...
थाशे प्रभुनुं मिलन वातवातमां,
परमात्मा बनी जाशे मारो आत्मा...
आत्मा परमात्मा जे संग जड्यो छे राज....
हरख हरख मन हरख हरखमां झूमी रह्युं छे आज....
मारूं हृदय प्रभु, तारूं मंदिर छे,
तूं हृदय वसे ए, मारी तकदीर छे,
केवा शुभ परिणामो जागे आ मुलाकातमां,
परमात्मा बनी जाशे मारो आत्मा....
तारा अंजननीकेवी शुभपळ हशे,
तारा प्राण थकी मूर्ति जीवंत थशे,
राज प्रिय " बनी जाशे तू एक ज रातमां,
परमात्मा बनी जाशे मारो आत्मा...
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Comments
Guest
31/1/2025 9:13 pm

Good I like it