પૂનમ છે રાત દાદા દર્શન દેવા આવો રે(૨)
મુખલડું બતાવો રે વિન હું જોડે હાથ
વિન હું જોડી હાથ પ્યારા પશ્વ મળવા આવો રે
વિન હું જોડી હાથ….
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प्रेम भाव हो सब जीवों से, गुणीजनों में हर्ष प्रभो।
करुणा स्रोत बहे दुखियों पर,दुर्जन में मध्यस्थ विभो॥ १॥
यह अनन्त बल शील आत्मा, हो शरीर से भिन्न प्रभो।
ज्यों होती तलवार म्यान से, वह अनन्त बल दो मुझको॥ २॥
दादा तेरी तस्वीर सिरहाने रखकर सोते हैं
यही सोचकर अपने दोनों नैन भीगोते है
कभी तो तस्वीर से निकलोगे
कभी तो भेरू दादा पिघलोगे
मंगल मूर्ति परम पद, पंच धरौं नित ध्यान |
हरो अमंगल विश्व का, मंगलमय भगवान |१|
मंगल जिनवर पद नमौं, मंगल अरिहन्त देव |
मंगलकारी सिद्ध पद, सो वन्दौं स्वयमेव |२|
ओ गुरु सा थोरो चेलो बनु में
के थोरो चेलो बनु में
हर पल तेरे साथ रहु में . . .
पहला रुषभ देव िजनजी ने वोंदु ( २ )
जीवन है पानी की बूँद कब मिट जाए रे
होनी अनहोनी कब क्या घाट जाए रे
जितना भी कर जाओगे, उतना ही फल पाओगे
करनी जो कर जाओगे, वैसा ही फल पाओगे
तुम से लागी लगन,
ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा ||
निशदिन तुमको जपूँ