झीनी-झीनी उड़े रे गुलाल, प्रभुजी के मंदिर में,
झीनी-झीनी उड़े रे गुलाल…
म्हे तो प्रभुजी को हवन कराऊं, २
झारी भर लाऊं मैं तो आज…
प्रभुजी के मंदिर में...झीनी झीनी...॥१॥
म्हे तो प्रभुजी का नव अंग पुजुं, २
केशर कटोरा लाऊं मैं तो आज,
प्रभुजी के मंदिर में....झीनी झीनी...॥२॥
म्हें तो प्रभुजी के हार गुंथाऊं, २
चम्पा चमेली लाऊं मैं तो आज,
प्रभुजी के मंदिर में...झीनी झीनी...॥३॥
म्हे तो प्रभुजी की पूजा अंगिय रचाऊं, २
बरक ले आऊं मैं तो आज,
प्रभुजी के मंदिर में...झीनी झीनी...॥४॥
म्हे तो प्रभुजी की पूजा भणाऊं, २
मंडल बुलाऊं मैं तो आज,
प्रभुजी के मंदिर में...झीनी झीनी...॥५॥