श्री पंच प्रतिक्रमण सूत्र चित्र व भावार्थ सहित एक विशेष ग्रंथ है, जो जैन धर्म के पंच प्रतिक्रमण विधि को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करता है। इस पवित्र पुस्तक में प्रत्येक सूत्र का न केवल मूल पाठ दिया गया है, बल्कि उसका भावार्थ भी सरल भाषा में समझाया गया है, जिससे पाठक इसे गहराई से आत्मसात कर सकें। सुंदर चित्रों के माध्यम से इसकी प्रस्तुति और भी आकर्षक व बोधगम्य बनती है।
मुख्य विशेषताएँ और लाभ:
✔ मूल सूत्र व सरल भावार्थ – कठिन श्लोकों को समझने में मदद के लिए भावार्थ सहित विस्तृत व्याख्या।
✔ चित्रों के माध्यम से स्पष्ट प्रस्तुति – महत्वपूर्ण अवधारणाओं को सुंदर चित्रों के साथ समझाया गया है।
✔ आध्यात्मिक उन्नति के लिए उपयोगी – प्रतिक्रमण, प्रायश्चित और आत्मशुद्धि की सही विधि को समझने में सहायक।
✔ सभी आयु वर्ग के लिए उपयुक्त – विद्यार्थी, साधक और जैन धर्म में रुचि रखने वाले सभी लोगों के लिए आदर्श।
✔ उच्च गुणवत्ता वाली प्रिंटिंग और मजबूत बाइंडिंग – लंबे समय तक टिकाऊ और सुंदर लेआउट।
यह पुस्तक न केवल आपकी प्रतिक्रमण साधना को सुलभ बनाती है, बल्कि आपको आत्मशुद्धि और धर्म साधना में भी मार्गदर्शन प्रदान करती है। यदि आप अपनी आध्यात्मिक यात्रा को गहन और प्रभावी बनाना चाहते हैं, तो यह ग्रंथ आपके लिए अनमोल साथी साबित होगा। आज ही इसे प्राप्त करें और अपनी साधना को एक नई ऊंचाई पर ले जाएं!