यह देववंदनमाला देवनागरी लिपिमें हम पहली बार प्रसिद्ध कर रह है।
देववंदनके पर्व अनेक हैं। प्रस्तुत पुस्तकमें मुख् पाँच पर्व (दीपावली,
ज्ञानपंचमी, चौमासी, मौन एकादशी,चैत्र पूर्णिमा) के देववंदन तथा
विशेषमें ग्यारह गणधरके देववंदन सम्मिलित किये गय है।<\/p>\r\n
इस पुस्तकमें प्रारंभमें उन-उन देववंदनोंके कर्त्ताका परिचय तथा
उन पर्वोंके आराधक भव्यात्माओंक दृष्टांत दिये गये हैं जो मननीय हैं।
इसदेववंदनमालामें प्रकाशित देववंदनोंका संक्षिप्त विवरण-<\/p>\r\n
प्रस्तावना<\/strong><\/span> इस पुस्तकमें प्रारंभमें उन-उन देववंदनोंके कर्त्ताका परिचय तथा
यह देववंदनमाला देवनागरी लिपिमें हम पहली बार प्रसिद्ध कर रह है।
देववंदनके पर्व अनेक हैं। प्रस्तुत पुस्तकमें मुख् पाँच पर्व (दीपावली,
ज्ञानपंचमी, चौमासी, मौन एकादशी,चैत्र पूर्णिमा) के देववंदन तथा
विशेषमें ग्यारह गणधरके देववंदन सम्मिलित किये गय है।<\/p>\r\n
उन पर्वोंके आराधक भव्यात्माओंक दृष्टांत दिये गये हैं जो मननीय हैं।
इसदेववंदनमालामें प्रकाशित देववंदनोंका संक्षिप्त विवरण-<\/p>\r\n
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