इस पुस्तक में सुरम्य भावानुसारी चित्रों के द्वारा सरल भाषा में चौदह गुणस्थानों
पर विशेष विवेचन प्रस्तुत किया गया है । सुज्ञ पाठक वर्ग इसे आत्मसात करके
मोक्षारोहण की ओर अग्रसित होगा। मंगलकामना...।
-डॉ. मुनि पदमचन्द्र
नोट - विविध योनियों में भव-भ्रमण यात्रा को समझने के लिए चित्र में उनके
नामों का संकेत किया गया है। यह जरूरी नहीं कि जीव इसी क्रम से
भव-भ्रमण करता हो।